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लोकसभा चुनाव 2024 : केरल में लेफ्ट और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं

सत्य खबर/नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव में 400 सीटों का लक्ष्य हासिल करने में जुटी भारतीय जनता पार्टी दक्षिण भारत में अपना विस्तार करना चाहती है. वहीं, पार्टी इस बार केरल में भी अपनी पारी खोलना चाहती है. यही वजह है कि पीएम मोदी ने हाल ही में केरल का दौरा किया और राज्य को कई विकास योजनाओं की सौगात दी. हालांकि, बीजेपी के लिए यहां जीतना आसान नहीं होगा. केरल में लेफ्ट और कांग्रेस काफी मजबूत माने जाते हैं.

इंडिया अलायंस में शामिल लेफ्ट और कांग्रेस केरल में अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं. इसके बावजूद यहां बीजेपी का खाता खुलता नहीं दिख रहा है. दरअसल, सी-वोटर इस सर्वे से केरल में डबल डिजिट सीटें जीतने का सपना देख रही बीजेपी को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही है.

कांग्रेस प्लस को 45 फीसदी वोट
20 लोकसभा सीटों वाले केरल में कांग्रेस प्लस सभी सीटें जीत सकती है. अगर वोट शेयर की बात करें तो बीजेपी को 20 फीसदी वोट मिलने की संभावना है, जबकि कांग्रेस प्लस को 45 फीसदी, लेफ्ट को 31 फीसदी और अन्य को 4 फीसदी वोट मिलने की संभावना है.

कांग्रेस और लेफ्ट अलग-अलग लड़ेंगे
कांग्रेस ने शुक्रवार को 39 लोकसभा उम्मीदवारों की सूची जारी की थी. इसमें केरल की 15 सीटों के उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। दूसरी ओर, राज्य में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने वायनाड समेत सभी 20 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है. इंडिया ब्लॉक का हिस्सा होने के बावजूद, सीपीआई और अन्य वामपंथी दल केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के साथ सीधे प्रतिस्पर्धा में होंगे।

2019 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को जीत मिली थी
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने केरल की 20 में से 19 सीटें जीती थीं। एलडीएफ के खाते में सिर्फ 1 सीट आई थी, जबकि बीजेपी अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी.

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